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Monday, August 28, 2017

फालतू री वातां से होणो हो कई !!.








आंख्या मूंदी रात दन सोओ हो कई;
 चौमासा में बात बिन रोओ हो कई !

  जिंदगी रा आरसी रे सामे;
  हारी ने आंख्या भिगोवो हो कई !

अचानक खुली जावे बारणा तो ;

यादां री गांठड़ी आज भी ढोवो हो कई !

 उतर ग्यो पाणी अबे उतार है ;

 दरदां रा आंगणा थें धोवो हो कई !

काल सुदी जो सीख्या आप था ;
भूली जावो भलो है सुओ हो कई !

 थोड़ी डालां है ने थोड़ी वेलडी ;
 दिलां में लो संजोई वावो हो कई !

 सन्नाटो कसो पसर्यो काली रातां में ;
 चालो शबनमी मोती पोवो हो कई !

  एक ''तनु ''देखि सुणी ने कई नी बोले 

  फालतू री वातां से होणो हो कई !!... ''तनु ''




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