Labels

Monday, August 28, 2017

सच्चे सौदे




 सच्चे सौदे ने लिए,           झूठे डेरे डाल ;
भक्त बनाये बहुत हैं, पहनाकर जयमाल !
पहनाकर जयमाल,   लूटते भोले जन को ;
करवाते हैं काम ,   जो नहीं भाते मन को !
फैला माया जाल ,    गच्चे खा जाय अच्छे ;
चले भ्रम की राह ,    धोखा खा रहे सच्चे !!... ''तनु''

No comments:

Post a Comment