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Wednesday, August 9, 2017

गुड़ का गोबर कर गए, अपनी ढप्प बजाय ! 
तूती की आवाज में ,    अपना राग सुनाय !! 
अपना राग सुनाय !!  ठंढी छछिया फूँकते, 
जला दूध का रोय,      कर्ज दूध का भूलते ! 
कर सिँह दृष्टिपात,      जिंदगी देखिये मुड़, 
सारे फ़र्ज़ निभाय , जिंदगी शहद और गुड़ !! ,, ''तनु ''

जिंदगी गुड़ गोबर की , अपनी ढप्प बजाय ! 
तूती की आवाज में ,    अपना राग सुनाय !! 
अपना राग सुनाय !!  ठंढी छछिया फूँकते, 
जला दूध का रोय,      कर्ज दूध का भूलते ! 
कर सिँह दृष्टिपात,   करते रहिये  बंदगी 
सारे फ़र्ज़ निभाय ,शहद और गुड़ जिंदगी  !! ,, ''तनु ''

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