कोई टेढ़ी खीर है, कहीं आम के आम,
खिचड़ी में घी जा रहा, मिले गुठलियों दाम !
मिले गुठलियों दाम ! पर खट्टे अंगूर हैं !
मिलती उनको हूर, दिखते जो लंगूर हैं !!
लोहे चने चबाय , रोटियाँ तोड़े कोई !
बहुत मक्खन लगाय, है मूसरचंद कोई !!. ..''तनु ''
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