नाक दबई ने मुंडो खोल्यो,
सिकुडी गी भौं नाक ;
नाक में दम करी नाख्यो,
करम वणाका शरमनाक !
नाक रगडता कदि नी वि,
ऊँची राखता नाक,
नाक मक्खी बैठवा नी देता !
अबे खोय नाक री सीध,
ढूँढी रया कटी थकी नाक ;
कदी नाक दिवो बालता था वि,
बुझी ग्यो दीप,
नीची वई गई वणा री नाक !... ''तनु''
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