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Wednesday, August 9, 2017

बदलियाँ !




धुल जाएँगे ये दरख्त अब आ गयी हैं बदलियाँ !
बरस कर ही जायेंगी अब छा गयी हैं बदलियाँ !!

दिन में बारिशों की झमाझम रात में तन्हाईयाँ !
फिर दिलों का चैन लूटे इतरा गयी हैं बदलियाँ !!

दिल चुराये नींद खोये आँखें भिगोये क्या करूँ !
संग बिजली रास रचा गड़गड़ा गयी हैं बदलियाँ !!

बालकों का दौड़ना वो पानियों में झूमकर !
फिर किशोरियों के दिलों को भा गयी हैं बदलियाँ !!

खुशबुएँ सौंधी ये वन बस्तियों से हैं उठ रही !
कौन चुप बैठा सबको चहका गयी हैं बदलियाँ !!

 भू पर पडा शुष्क आँचल अब हरा हो जाएगा !
टप टपा  टप गीत रिमझिम गा गयी है बदलियाँ !!

किरण माला में छुपा है इंद्रधनुष कब आएगा !
नव किसलय सा खिलाए हर्षा गयी हैं बदलियाँ !!.. ''तनु ''



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